बुधवार, 5 दिसंबर 2012

ठंडी हवाएँ

ऐसे चलती ठंडी हवाएँ,
जैसे कोई गीत गाएँ ,
जब चली ठंडी पवन ,
खुश हुआ नीला गगन ।

आसमान में काले बादल आयें ,
छम - छम कर बरस जाएँ ,
जब - जब मेघा बरसे ,
खेतों में हरियाली फैले ।।

दिल को भी छू जाते ,
हरे - भरे पेड़ - पौधे ,
चिड़ियों की चहकती आवाज़ ,
मन सुला देती मेरा आज ।

ऐसे चलती ठंडी हवाएँ ,
जैसे कोई गीत गुनगुनाएँ ,
तन - मन में खुशियाँ लाएँ ,
ऐसे चलती ठंडी हवाएँ ।।

शनिवार, 10 नवंबर 2012

असफलता की राहों पर ......

असफलता की राहों पर ,
सफलता के गीत गाए ।
आसमान के तारों पर ,
वीरता के झंडे लगायें ।।

प्रतिभा और जुनून का कमाल ,
छोटी उम्र में बड़े धमाल ।
ऐसे भी थे नौजवान ,
मातृभूमि पर दिया बलिदान ।।

उन शहीदों को याद करके ,
आँखें नम हो जाती हैं ।
जिनकी याद में दुनिया सारी ,
खुशियों के दीप जलाती हैं ।।